सरकार ने अब तक 102 यूट्यूब चैनल, कई वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट को प्रतिबंधित किया है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार ये चैनल फेक कंटेंट को प्रमाणित दिखाने के लिए प्रसिद्ध टीवी चैनलों के लोगो और टेम्पलेट्स का इस्तेमाल कर रहे थे, ताकि लोगों को आसानी से गुमराह किया जा सके।
केंद्र सरकार द्वारा भ्रामक जानकारी फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों पर लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में सरकार ने आठ और यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया है। ये कार्रवाई सूचना तकनीक एक्ट 2000 की धारा 69ए के तहत की गई है। सरकार के अनुसार इन चैनल पर देश में परमाणु विस्फोट से लेकर उत्तर कोरिया द्वारा अयोध्या में सेना भेजने तक की फैक जानकारी फैलाई जा रही थी। इन यूट्यूब चैनलों में लाखों व्यूज वाले सात भारतीय और एक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल शामिल है। इससे पहले गुरुवार को भी सरकार ने आठ यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया था। बता दें कि अब तक देश में 102 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
पहली बार दिसंबर 2021 में हुई थी कार्रवाई
फेक न्यूज फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों पर पहली बार सरकार ने पिछली साल दिसंबर में सख्ती दिखाना शुरू किया था। ये कार्रवाई नए आई एक्ट 2021 के तहत की गई थी। पिछले साल फरवरी में इस नियम को लागू करते हुए, सरकार ने अब तक 102 यूट्यूब चैनल, कई वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट को प्रतिबंधित किया है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार ये चैनल फेक कंटेंट को प्रमाणित दिखाने के लिए प्रसिद्ध टीवी चैनलों के लोगो और टेम्पलेट्स का इस्तेमाल कर रहे थे, ताकि लोगों को आसानी से गुमराह किया जा सके।

ये फेक न्यूज फैला रहे थे यूट्यूब चैनल
आईटी मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, देश की खुफिया एजेंसियां इन सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबसाइटों की निगरानी कर रही हैं और उन्हें कार्रवाई के लिए मंत्रालय को भेज रही हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से कई चैनल विज्ञापनों और फर्जी खबरें फैलाकर ही कमाई कर रहे थे। इस चैनलों पर भारत में बकरा ईद मनाने पर रोक, भारत और मिस्र द्वारा संयुक्त रूप से तुर्की पर हमला करना, उत्तर कोरिया द्वारा अयोध्या में सेना भेजने जैसी फेक न्यूज फैलाई जा रहीं थीं।