Camera hacking: कैमरा हैकिंग तब होती है जब कोई स्कैमर मैलवेयर का उपयोग करके डिजिटल डिवाइस को हैक करता है और यूजर्स के डिवाइस के वेबकैम/कैमरा को बिना उसकी जानकारी के रिमोटली एक्सेस करता है।
Camera hacking: अक्टूबर 2022 को साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस पहल के साथ भारत सरकार का उद्देश्य विभिन्न प्रकार के साइबर हमलों के बारे में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को संवेदनशील बनाना है। ऐसा ही एक हमला है कैमरा हैकिंग।
कैमरा हैकिंग तब होती है जब कोई स्कैमर मैलवेयर का उपयोग करके डिजिटल डिवाइस को हैक करता है और यूजर्स के डिवाइस के वेबकैम/कैमरा को बिना उसकी जानकारी के रिमोटली एक्सेस करता है। ये डिवाइस डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट, सिक्योरिटी कैमरा और मोबाइल फोन भी हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इससे कैसे बचा जाए।
कैसे होती है कैमरा हैकिंग?
किसी भी डिवाइस के कैमरे को हैक करने के लिए स्कैमर के पास ईमेल मैसेज सबसे आसान माध्यम है। यूजर्स न्यूज और डाटा को देखने के लिए ईमेल या मैसेज से लिंक्ड फाइलों और लिंक पर क्लिक कर देते हैं, इससे स्कैमर उनके कैमरे सहित पूरे डिवाइस तक पहुंच बना लेते हैं।
एक अन्य तरीके की बात करें तो स्कैमर्स यूजर्स को ईमेल के जरिए किसी अन्य वेबसाइट पर भेजते हैं, जिसमें यूजर्स की रुचि होती है। जैसे ही यूजर्स इन वेबसाइट पर जाते हैं, वेबसाइट अपने सिस्टम में RAT (रिमोट एक्सेस ट्रोजन) की अनुमति मांगती है और यूजर्स के इसे एक्सेप्ट करते ही हैकर्स अपना काम शुरू कर देते हैं। पहले डिवाइस में स्पाइवेयर इंस्टॉल किए जाते हैं और इसके बाद आपका डिवाइस और कैमरा पूरी तरह से स्कैमर्स के नियंत्रण में आ जाता है।
हैकिंग को कैसे रोकें?
किसी भी तरह के साइबर हमलों से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें। साथ ही इन लिंक से किसी भी एप को डाउनलोड ना करें। एप डाउनलोड के लिए केवल ऑफिशियल एप स्टोर का ही इस्तेमाल करें। लैपटॉप या अन्य डिजिटल डिवाइस के वेबकैम/कैमरा को इस्तेमाल नहीं करने के दौरान कवर करके रखे। इसके लिए आप वेब कैमरा शील्ड/कवर का यूज कर सकते हैं या नॉर्मल टैप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
साथ ही अपने डिजिटल डिवाइस को लेटेस्ट सॉफ्टवेयर से अपडेट रखें। सोशल मीडिया या अन्य प्लेटफॉर्म पर किसी भी अनजान व्यक्ति से अपनी निजी जानकारी शेयर ना करें।